मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार सुबह 10 बजे दिल्ली पहुंचे हैं। वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के सीनियर लीडर्स से मुलाकात कर सकते हैं। कैबिनेट गठन के 6 महीने बाद अब मंत्रियों को प्रभार के जिलों की लिस्ट पर भी मुहर लग सकती है।
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में मंत्री अपने प्रभार के जिलों में ध्वजारोहण कर सकते हैं। मुख्यमंत्री को मंगलवार शाम को ही दिल्ली जाना था, लेकिन किसी कारण से दौरा कैंसिल हो गया।
जातिगत समीकरण और सीनियरिटी का ख्याल रखा जाएगा
सूत्रों की मानें तो मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों के साथ ही सीनियरिटी का भी ध्यान रखा जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि प्रभार के जिलों की दूरी इतनी हो कि महीने में तीन से पांच दौरे किए जा सकें।
किस मंत्री को कहां का मिल सकता है प्रभार
भोपाल- नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग व संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय की सीनियरिटी और प्रशासनिक व राजनीतिक अनुभव को देखते हुए भोपाल का प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है।
उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन का प्रभार डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को दिया जा सकता है। देवड़ा शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल में उज्जैन के प्रभारी मंत्री रह चुके हैं। उज्जैन में 2028 के सिंहस्थ और जिले के समीकरणों की समझ होने के चलते फिर से प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है।
इंदौर- इंदौर जिले में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला या स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। इंदौर के राजनीतिक समीकरणों और तमाम व्यापारिक गतिविधियों को देखते हुए इन दोनों मंत्रियों में से किसी एक को जिम्मा दिया जा सकता है।
जबलपुर- पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल नरसिंहपुर से विधायक हैं। वे जबलपुर से सटी दमोह लोकसभा से सांसद भी रह चुके हैं। उनकी सीनियरिटी को देखते हुए जबलपुर का प्रभार दिया जा सकता है।
सागर- सागर के स्थानीय राजनीतिक समीकरण को साधने के लिए PWD मंत्री राकेश सिंह को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। वे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। लिहाजा जिले के विधायकों और नेताओं के बीच समन्वय स्थापित कर सकेंगे।
ग्वालियर- एमपी की राजनीति के अहम केंद्र ग्वालियर जिले का प्रभार देने में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की पसंद का ध्यान रखा जाएगा। यहां इंदर सिंह परमार या रामनिवास रावत में से किसी एक को प्रभारी मंत्री बनाया जा सकता है। रावत सिंधिया और तोमर दोनों के करीबी माने जाते हैं।
मंत्री रामनिवास रावत के विभाग पर भी फैसला
विजयपुर से कांग्रेस के टिकट पर छठवीं बार के विधायक रामनिवास रावत 8 जुलाई को मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। नौ दिन बाद भी रावत को विभाग नहीं दिया जा सका है। आज दिल्ली में रावत का विभाग भी तय हो सकता है। रावत विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं।
शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल में इन मंत्रियों के पास इन जिलों का था प्रभार
1. नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री- इंदौर 2. गोपाल भार्गव, PWD मंत्री- जबलपुर, निवाड़ी 3. तुलसी सिलावट, जल संसाधन मंत्री- ग्वालियर, हरदा 4. विजय शाह, वन मंत्री- सतना, नरसिंहपुर 5. जगदीश देवड़ा, वित्त मंत्री – उज्जैन, कटनी 6. बिसाहूलाल सिंह, खाद्य मंत्री- मंडला, रीवा 7. यशोधरा राजे सिंधिया, खेल मंत्री- देवास, आगर-मालवा 8. भूपेन्द्र सिंह, नगरीय विकास मंत्री- भोपाल 9. मीना सिंह मांडवे, जनजातीय कार्य मंत्री- सीधी, अनूपपुर 10. कमल पटेल, कृषि मंत्री- खरगोन, छिंदवाड़ा 11. गोविंद सिंह राजपूत, राजस्व मंत्री, भिंड, दमोह 12. बृजेन्द्र प्रताप सिंह, खनिज मंत्री- होशंगाबाद, सिंगरौली 13. विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री- टीकमगढ़, विदिशा 14. प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री- धार, सीहोर 15. महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पंचायत मंत्री - शिवपुरी 16. प्रद्युम्न सिंह तोमर,ऊर्जा मंत्री - अशोकनगर, गुना 17. प्रेम सिंह पटेल, पशुपालन मंत्री - बुरहानपुर 18. ओमप्रकाश सकलेचा, सूक्ष्म लघु उद्योग मंत्री - छतरपुर, सिवनी 19. ऊषा ठाकुर, पर्यटन मंत्री - नीमच, खंडवा 20. अरविंद सिंह भदौरिया, सहकारिता मंत्री - सागर, रायसेन 21. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री - राजगढ़, डिंडौरी 22. हरदीप सिंह डंग, पर्यावरण मंत्री - बड़वानी, बालाघाट 23. राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, औद्योगिक मंत्री - मंदसौर, अलीराजपुर 24.भारत सिंह कुशवाह, राज्यमंत्री - मुरैना, श्योपुर 25. इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा - बैतूल, झाबुआ 26. राम खेलावन पटेल, राज्यमंत्री - शहडोल 27. रामकिशोर कांवरे, राज्यमंत्री - उमरिया, पन्ना 28. बृजेन्द्र सिंह यादव, राज्यमंत्री - शाजापुर 29. सुरेश धाकड़, राज्यमंत्री – दतिया 30. ओपीएस भदौरिया, राज्यमंत्री - रतलाम