फ्लैट से लेकर कब्रिस्तान बनाने तक का कारोबार, 34 कंपनियां और अरबों की दौलत...सुपरटेक वाले आरके अरोड़ा की बर्बादी की पूरी कहानी
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29-06-2023 08:14 PM
नई दिल्ली: लोगों अपने घर का सपना दिखाकर उन्हें झांसा देने वाले सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा (RK Arora) को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने मनी लॉन्डिंग मामले में सुपरटेक (Supertech) के मालिक आरके अरोड़ा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी पिछले तीन दिन से अरोड़ा से पूछताछ कर रही थी और बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सुपरटेक वाले आरके अरोड़ा वहीं है, जो नोएडा में ट्विन टॉवर (Twin Tower) बनाकर चर्चा में आए थे। आरके अरोड़ा ने हजारों फ्लैट बायर्स को घर का सपना दिखाकर उन्हें धोखा दिया। आज आरके अरोड़ा के घोटाले की पूरी कहानी जानते हैं।
क्यों गिरफ्तार किए गए आरके अरोड़ा
ईडी ने सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। आरके अरोड़ा को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है। सुपरटेक और आरके अरोड़ा पर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई एफआईआर दर्ज हैं। इन मामलों के आधार पर ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। आरके आरोड़ा और उनकी कंपनी पर आरोप हैं कि उन्होंने फ्लैट बुक कराने वाले फ्लैटबायर्स से एडवांस रकम लेकर धोखाधड़ी की। सुपरटेक ने फ्लैट खरीदारों की फ्लैट बुकिंग के नाम पर एडवांस रकम लिए और उन पैसों के आधार पर बैंक से भारी भरकम कर्ज लिए । सुपरटेक ने उन पैसों का गबन कर बैंकों को भारी नुकसान पहुंचाया। सुपरटेक ने फ्लैट बायर्स के पैसों से समूह की दूसरी कंपनियों के नाम से जमीन खरीदी और उसपर बैंकों से कर्ज ले लिया। कर्ज लेकर सुपरटेक ने उन पैसों का गबन कर लिया। कर्ज नहीं चुकाने से बैंकों का करीब 1500 करोड़ के कर्ज एनपीए बन गया।
कौन हैं आरके अरोड़ा
आरके अरोड़ा एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं, लेकिन उन्होंने कुछ ही सालों में अरबों की संपत्ति बना ली। अरोड़ा ने एक-दो नहीं बल्कि 34 कंपनियां खड़ी की । रियल एस्टेट के अलावा उन्होंने सिविल एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिंटिंग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन से उनकी कंपनी जुड़ी है। आरके अरोड़ा का कारोबार फ्लैट से लेकर कब्रिस्तान तक फैला है। एक आम आदमी से जाने-माने बिल्डर बनने के सफर की शुरुआत 7 दिसंबर 1995 को हुई। जब उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर सुपरटेक की नींव रखी। देखते ही देखने उन्होंने 12 शहरों में रियल स्टेट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। दिल्ली, मेरठ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स शुरू कर दिया।
कब्रिस्तान बनाने का कारोबार
आरके अरोड़ा को कारोबार फैलाने की कितनी जल्दी थी उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2016 में उन्होंने 19 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवाया। कुछ छोटी कंपनियों का अधिग्रहण भी किया। सुपरटेक ने अपने आपको एक जोन में सीमित नहीं रखा। कंपनी ने कब्रिस्तान बनाने, विकसित करने और आवंटन करने के लिए भी कंपनी गठित की। साल 2006 में कंपनी बनाई गई। हालांकि कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद गतिविधियां लगभग ना के बराबर रही।
कैसे शुरू हुई बर्बादी की कहानी
आरके अरोड़ा ने अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मारने का काम किया। गलत गतिविधियों के कारण साल 2022 में कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया। सुपरटेक की रियल एस्टेट कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मार्च , 2022 में दिवालिया घोषित कर दिया था। सुपरटेक पर करीब 432 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी ने ये कर्ज यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बने बैंक के कंसोशिर्यम से लिया गया था।
ट्विन टावर के बाद चर्चा में जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा के सेक्टर 93ए में ट्विन टावरों को गिराया गया आरके अरोड़ा की स्थिति और खराब हो गई। जिन ट्विन टावर को उन्होंने करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया था, उसके ढहने के बाद आरके अरोड़ा की हालात और खराब हो गई। ट्विन टावर में 711 फ्लैटों की बुकिंग भी हो चुकी थी। कंपनी ने बुकिंग के पैसे ले लिए थे। कोर्ट ने सुपरटेक को बुकिंग अमाउंट और 12 प्रतिशत ब्याज की रकम के साथ लौटाने का आदेश दिया। कंपनी का हालत और खराब हो गई।
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