पुलिस ने खोली पोल
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मान लीजिए किसी ने 10 जोड़ी ब्रांडेड जूते ऑर्डर किए। पार्सल मिलने के बाद वह शिकायत करता कि उसे सिर्फ 5 जोड़ी ही मिले हैं। बाकी 5 जोड़ी के पैसे वापस मांगता। इसी तरह, कपड़ों के साइज या रंग को लेकर भी शिकायतें की जाती थीं और रिफंड मांगा जाता था। उन्होंने बताया "अगर किसी ने 10 जोड़ी ब्रांडेड जूते मंगवाए और पार्सल मिला, तो वो दावा करते कि सिर्फ 5 जोड़ी ही मिले हैं, फिर बाकी 5 के लिए रिफंड मांगते। कुछ लोग कपड़ों के रंग या साइज़ की भी शिकायत करते और रिफंड मांगते थे।"
कितने आए फर्जी आर्डर
Myntra Designs के एन्फोर्समेंट ऑफिसर, सरदार एमएस ने पुलिस को बताया कि कंपनी को बेंगलुरु के विभिन्न पतों पर डिलीवर किए गए लगभग 5,529 फर्जी ऑर्डर से नुकसान हुआ है। "सरदार एमएस, Myntra Designs' एन्फोर्समेंट ऑफिसर, ने पुलिस को बताया कि कंपनी को बेंगलुरु के विभिन्न पतों पर डिलीवर किए गए लगभग 5,529 फर्जी ऑर्डर से नुकसान हुआ है।" ऑडिट के दौरान इस धोखाधड़ी का पता चला। ठगों ने रिफंड अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए थे। Myntra पूरे देश में हुए नुकसान की रिपोर्ट दर्ज कराना चाहती थी। लेकिन, शहर की पुलिस ने उन्हें केवल बेंगलुरु में हुई डिलीवरी से जुड़े मामलों की ही शिकायत दर्ज करने की सलाह दी।
जयपुर से है ठगी का लिंक
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जयपुर, राजस्थान का एक गिरोह इस धोखाधड़ी के पीछे है। ज्यादातर फर्जी ऑर्डर जयपुर से ही किए गए थे। डिलीवरी का पता बेंगलुरु और दूसरे बड़े शहरों में दिया जाता था। अक्सर ये पते दुकानों, चाय की दुकानों और किराना स्टोर जैसे व्यावसायिक स्थान होते थे। इस तरह, ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के लिए ग्राहकों की सुविधा के लिए बनाए गए नियम ही उनके लिए मुसीबत बन गए। इस मामले से साफ है कि कंपनियों को अपने सिस्टम में मौजूद खामियों को दूर करने की जरूरत है, ताकि ऐसी धोखाधड़ी से बचा जा सके।