मनसुख मांडविया को पहली बार 5 जुलाई, 2016 को सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। 30 मई, 2019 को, उन्होंने फिर से स्वतंत्र प्रभार के साथ रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।
मनसुख मांडविया का जन्म 1 जुलाई 1972 को भावनगर जिले के हनोल गांव में हुआ था। उनके पिता एक मामूली किसान थे। मनसुख मंडाविया पाटीदार समाज के लेउआ पटेल समुदाय से आते हैं।
एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार (पाटीदार-पटेल-कुर्मी जाति) से आने वाले मनसुख मांडविया चार भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी प्राथमिक विद्यालय, हनोल से हुई। उसके बाद उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई सोनगढ़ गुरुकुल से पूरी की।
मनसुख मंडाविया पहली बार 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 2018 में फिर से चुने गए। मांडविया का पशुओं को लेकर प्रेम था ऐसे में उन्होंने पशु चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन किया और राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
मंडाविया गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। भाजपा की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) में शामिल होने से पहले, उन्होंने आरएसएस की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की।
मंडाविया 2002 में पलिताना निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाने पर गुजरात के सबसे कम उम्र के विधायक बने। तब वह महज 28 साल के थे। भावनगर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर, मंडाविया को लंबी पदयात्राओं (पैदल मार्च) के आयोजन के लिए भी जाना जाता है।
मनसुख मांडविया अपने पदयात्राओं के लिए जाने जाते हैं। 2005 में एक विधायक के रूप में उन्होंने अपनी पहली पदयात्रा की। इस दौरान वह 123 किलोमीटर पैदल चले। दूसरी यात्रा उन्होंने साल 2007 में की। तब वह 127 किलोमीटर पैदल चले। 2019 में उन्होंने 150 किमी की पदयात्रा की।